तुषारा मोहनन
यूएई ने पायलटयुक्त और ऑटोनॉमस एयर टैक्सी तथा कार्गो ड्रोन्स के लिए एयर कॉरिडोर की मैपिंग और नियामक फ़्रेमवर्क का विकास शुरू करके शहरी परिवहन को नए सिरे से परिभाषित करने की दिशा में एक साहसिक कदम उठाया है। यह बदलावकारी पहल मोबिलिटी के भविष्य का सूत्रधार बनने के राष्ट्र के मिशन की दिशा में एक बड़ी छलाँग है। जनरल सिविल एविएशन अथॉरिटी (GCAA) और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी रिसर्च काउंसिल (ATRC) की इकाइयों—यानी टेक्नोलॉजी इनोवेशन इंस्टिट्यूट (TII) और ASPIRE—के बीच हुई इस रणनीतिक साझेदारी के ज़रिए, यूएई शहरी इलाकों में लोगों और माल के परिवहन का तरीका बदलने की राह पर है।
अगले 20 महीनों में एरियल कॉरिडोर और विनियमों के निर्धारित होने की अपेक्षा की जा रही है। यह अपनी तरह का पहला प्रयास है, जो सुरक्षित, उन्नत और सस्टेनेबल परिवहन समाधान पेश करने की दिशा में यूएई की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे न सिर्फ़ यातायात का दबाव कम होगा, बल्कि यह भावी शहरी मोबिलिटी प्रणाली के लिए अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क भी सेट करेगा। ये रूट यूएई के मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और मशहूर जगहों को जोड़ने के अलावा और भी आगे तक फैले होंगे, जिससे पूरे देश के शहरी लैंडस्केप्स के साथ पायलटयुक्त और ऑटोनॉमस एयर टैक्सी और कार्गो ड्रोन्स को पक्के तौर पर सहजता से एकीकृत किया जा सकेगा।
GCAA के महानिदेशक महामहिम सैफ़ मोहम्मद अल सुवैदी ने कहा: “पायलटयुक्त और ऑटोनॉमस एयर टैक्सी व ड्रोन्स के लिए एयर कॉरिडोर की मैपिंग एक अहम उपलब्धि है, जिससे यूएई के बुनियादी ढाँचे में एडवांस्ड एयर मोबिलिटी सेवा को सहजतापूर्वक शामिल किया जा सकेगा। इस पहल से सुनिश्चित हो सकेगा कि एयर मोबिलिटी को सुरक्षित और कार्यक्षम ढंग से अपनाया जाएगा, शहरी परिवहन के क्षेत्र बदलावकारी समाधान पेश किए जाएँगे और ज़्यादा स्मार्ट व कनेक्टेड भविष्य की राह प्रशस्त होगी।”
शहरी परिवहन के संबंध में यूएई का दूरगामी दृष्टिकोण, एयरस्पेस प्रबंधन के क्षेत्र में TII की विशेषज्ञता द्वारा समर्थित होगा, जिससे पायलटयुक्त और ऑटोनॉमस एयर टैक्सी तथा कार्गो ड्रोन्स का शहरी परिवेश में सुरक्षित एकीकरण किया जा सकेगा। ये नए एयर कॉरिडोर यात्री और कार्गो परिवहन के लिए अभिनव समाधान प्रदान करेंगे, परंपरागत सड़क नेटवर्क पर दबाव कम करेंगे और कनेक्टिविटी में सुधार करेंगे।
TII की CEO, डॉ. नजवा आराज ने कहा: "GCAA के साथ यह बदलावकारी सहयोग शहरी परिवहन के भविष्य को नया रूप दे रहा है। एयरस्पेस प्रबंधन को आगे बढ़ाकर और पायलटयुक्त और ऑटोनॉमस एयर टैक्सी व कार्गो ड्रोन्स को एकीकृत करके, हम न केवल शहरी कनेक्टिविटी बढ़ा रहे हैं, बल्कि सस्टेनेबल और सुलभ मोबिलिटी समाधान को भी बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे आने वाली पीढ़ियों को फ़ायदा होगा।"
ASPIRE के स्टेफ़ने टिम्पानो ने कहा: "एयर टैक्सी और ड्रोन्स जैसे अभिनव समाधानों के ज़रिए शहरी मोबिलिटी की रियल-टाइम चुनौतियों से निपटना एक बड़ा कदम है। यह पहल एक सुविधाजनक और विविधतापूर्ण परिवहन प्रणाली तैयार करके, सस्टेनेबल आर्थिक विकास का सीधे तौर पर समर्थन करती है। इससे शहर के बुनियादी ढाँचे पर दबाव कम होगा और स्मार्ट तथा समस्याओं से उबरने की क्षमता रखने वाले शहरों को बढ़ावा मिलेगा।"
इस समझौते की घोषणा विश्व सरकार शिखर सम्मेलन 2025 के दौरान की गई थी।
एडवांस्ड एयर मोबिलिटी (AAM) का आशय शहरी और उपनगरीय परिवेश में ऑटोमेटेड एयरक्राफ़्ट के इस्तेमाल से है, ताकि लोक और माल परिवहन के लिए नए-नए समाधान पेश किए जा सकें। AAM और ASPIRE के तकनीकी पहलुओं को विकसित करने की ज़िम्मेदारी TII संभालेगा और इस क्रम में वह नियामकों, उद्योग लीडर्स और शोधकर्ताओं सहित हितधारकों का एक नेटवर्क बनाने पर फ़ोकस करेगा। इस सहयोग का लक्ष्य एक ऐसा विस्तृत नियामक फ़्रेमवर्क स्थापित करना है, जो सुरक्षा और संचालन की दक्षता सुनिश्चित करे।
TII के ऑटोनॉमस रोबोटिक्स रिसर्च सेंटर के मुख्य शोधकर्ता, प्रोफ़ेसर एनरिको नतालिज़ियो ने अपनी टिप्पणी में कहा: "TII में, हम ऑटोनॉमस प्रणाली के लिए उन्नत AI-संचालित कंट्रोल, विज़न और कम्युनिकेशन एल्गोरिदम विकसित कर रहे हैं, जो एयर टैक्सी और ड्रोन्स को तत्काल फ़ैसला लेने में सक्षम बनाते हैं। इस तकनीक में महारत हासिल करने के बाद, हम AAM कॉरिडोर के डिज़ाइन के लिए ऐसी पद्धतियों के प्रस्ताव पेश कर सकते हैं, जिनसे रूट ऑप्टिमाइज़ किए जा सकें, टकराव से बचा जा सके और जिनका शहरी एयरस्पेस के साथ सहज एकीकरण किया जा सके। यह शहर के जटिल परिवेश में कार्यकुशल और सुरक्षित ऑटोनॉमस एयर मोबिलिटी सेवा प्रदान करने की दिशा में उठाया गया एक महत्त्वपूर्ण कदम है।"
GCAA के साथ मिलकर, ये इकाइयाँ एयरस्पेस के नियम तय करेंगी और एयरस्पेस प्रबंधन प्रणाली विकसित करेंगी, जो यूएई को उन्नत शहरी मोबिलिटी के क्षेत्र में एक अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क के रूप में स्थापित करेंगी।
तुषारा मोहनन